बागेश्वर धाम विवाद में क्यों है? बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जो मीडिया की सुर्ख़ियों में आए दिन अपने चमत्कारों के लिए चर्चा में बने रहते हैं, इन दिनों विवादों में बने हुए हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जा रहा है हालाँकि इस पर महाराज जी ने अपने प्रतिद्वंदियों पर पलटवार करते हुए करारा जवाब दिया है, दरअसल कुछ लोग धीरेंद्र शास्त्री जी के चमत्कारों को चुनौती दे रहे हैं वहीँ छत्तीसगढ़ के रायपुर में कथा कर रहे शास्त्री जी ने इसे स्वीकार किया है।
ऐसे में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री किन विवादों में घिरे हुए हैं और इन दिनों बागेश्वर धाम विवाद में क्यों है? इससे संबंधित सभी जानकारी हम आपको अपने लेख के माध्यम से प्रदान करेंगे सिसके लिए आप लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।
बागेश्वर धाम विवाद में क्यों है?
बागेश्वर धाम के गुरूजी को लेकर नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति जो एक संगठन समूह है यह अंधविश्वास फैलाने के खिलाफ कैंपेन चलाती है। इस समिति द्वारा शास्त्री जी पर अंधविश्वास फैलाने का इल्जाम लगाया गया है, जिसमे इस समिति का कहना है की बागेश्वर महाराज को जब अपना चमत्कार दिखाने के लिए चुनौती दी गई तब वह कथा बीच में ही छोड़कर कही भाग गए, जिसके चलते समिति की और से उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
हालांकि इस बयान के जवाब में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने बयान जारी कर कहा की जिस संगठन ने उन्हें चुनौती दी है वह उन्हें शहर से दूर रायपुर आमंत्रित कर रहे हैं लेकिन रायपुर जाना अभी संभव नहीं था, इसी कारण उन पर झूठे इल्जाम लगाए जा रहे हैं। महाराज जी द्वारा ने अपने बयान में यह भी कहा की “मै कोई अंधविश्वास नहीं फैला रहा हूँ” मैं कभी नहीं कहता मैं भगवान हूँ। उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए कहा की हमे धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है इसी के तहत वह अपने धर्म का प्रचार कर रहे हैं।
दिव्य दरबार को लेकर क्या है राजनीतिक विवाद?
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी इन दिनों बिहार दौरे पर हैं और अपना दरबार लगा रहे हैं हालाँकि उनकी कथा को लेकर बिहार जाते ही राजनीतिक सियासत काफी गर्माहट शुरू हो गई है। ऐसे में एक तरफ जहाँ बिहार के क्षेत्रीय राजनीतिक संगठन उनके आने का विरोध कर रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ बिहार की जनता का रुख उनकी तरफ है और लोग भारी संख्या में उनके दरबार में उपस्थित होकर अपने समस्याएं महाराज जी के सामने रख रहे हैं।