निपुण भारत योजना 2024: Nipun Bharat मिशन कब तक चलेगा? कार्यान्वयन प्रक्रिया, नई गाइडलाइन्स पीडीएफ

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Reported by Atul Sharma

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निपुण भारत योजना 2024: देश के विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। शिक्षा व्यवस्था जितना गुणवत्तापूर्ण और लक्ष्यकेन्द्रित होगी उतना ही देश विकास करेगा। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर देश की केंद्र सरकार शिक्षा को सदैव प्रोत्साहन देती है। समय समय पर शिक्षा के स्तर को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से देश की शिक्षा नीति में आवश्यक बदलाव करती रहती है।

इसके साथ ही छात्रों और अभिभावकों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए समय पर विभिन्न योजनायें लाती है जिससे देश की अधिक से अधिक आबादी और नौनिहालों को शिक्षित किया जा सके। इसी क्रम में एक और योजना की शुरुवात की गई है। इस योजना का नाम निपुण भारत 2024 है, इस योजना की शुरुआत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया गया है। 2020 में लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वन के लिए NIPUN Bharat Yojana को प्रारम्भ किया गया है।

निपुण भारत योजना

आज हम इस आर्टिकल में NIPUN Bharat Scheme के बारे में सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध कराएँगे। जैसे कि निपुण भारत क्या है? इसकी विशेषताएं, उद्देश्य, कार्यान्वयन की प्रक्रिया और निपुण भारत योजना नई गाइडलाइन्स पीडीएफ इत्यादि सभी बिन्दुओं के बारे में आपको अवगत कराया जायेगा। इसलिए इस योजना के बारे में पूरी जानकारी के लिए आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Table of Contents

निपुण भारत योजना का शुभारम्भ: NIPUN Bharat Yojana 2024

निपुण भारत योजना का शुभारम्भ तत्कालीन केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी ने किया था। निपुण भारत की शुरुआत 5 जुलाई 2021 में की गयी है। NIPUN Bharat Yojana का पूरा नाम National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy है। इस योजना द्वारा प्री स्कूल के नौनिहालों की शिक्षा के जड़ को मजबूती प्रदान की जाएगी। तथा इसके लिए सभी सरकारी और निजी स्कूलों को इस मिशन के अंतर्गत सहयोग प्रदान किया जायेगा। यह योजना स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा संचालित की जाएगी। निपुण योजना समग्र शिक्षा का एक हिस्सा है।

इस कार्यक्रम को स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा लागू किया जाएगा। डिपार्टमेंट इस कार्यक्रम को पांच चरणों में लागू करेगा। जिनमें राष्ट्र, राज्य, जिला, ब्लॉक और स्कूल शामिल हैं। कार्यक्रम को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समग्र शिक्षा अभियान के तहत चलाया जाएगा। यह कार्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को लागू करने की दिशा में अपनाए गए प्रयासों में से एक है। नई शिक्षा नीति में सरकार ने आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता पर विशेष जोर दिया है। इसी के अंतर्गत इस पहल की शुरुआत की जा रही है। यह कार्यक्रम देश में समग्र शिक्षा और साक्षरता मानकों में सुधार करने में सहयोग करेगा।

NIPUN Bharat Yojana 2024 Highlights

योजना का नामनिपुण भारत , NIPUN Bharat Yojana (National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy)
विभागस्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (Department of School Education & Literacy)
मंत्रालयकेंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education
Government of India)
योजना की शुरुवात5 जुलाई 2021
ऑफिसियल वेबसाइटhttps://nipunbharat.education.gov.in/

निपुण भारत योजना का उद्देश्य

यह मिशन बच्चों को स्कूली शिक्षा के मूलभूत वर्षों में पहुंच प्रदान करने और उन्हें स्कूल में बनाए रखने; शिक्षक क्षमता निर्माण; उच्च गुणवत्ता और विविध छात्र और शिक्षक संसाधन/लर्निंग सामग्री का विकास; और सीखने के परिणामों को प्राप्त करने में प्रत्येक बच्चे की प्रगति पर नज़र रखने के लिए है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आधारभूत शिक्षा और संख्यात्मक ज्ञान के लिए एक सर्वजन सुलभ वातावरण सुनिश्चित करना है। ताकि, हर बच्चा वर्ष 2026-27 तक ग्रेड 3 के अंत तक पढ़ने, लिखने और अंकगणित में वांछित सीखने की क्षमता हासिल कर सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के लिए किए गए उपायों की कड़ी में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता शामिल है।

NIPUN Bharat Mission कार्यान्वयन की प्रक्रिया (Implementation Process)

मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान कार्यान्वयन सम्बन्धी दिशा-निर्देश के अनुसार निम्नलिखित मुख्य पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। जिससे 3 से 9 वर्ष तक के बच्चों की अधिगम की आवश्यकताओं को इस मिशन द्वारा कवर किया जा सके और 2026-27 तक इस मिशन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके NIPUN Bharat Mission कार्यान्वयन की प्रक्रिया में नीचे दिए गए प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया है

  • मूलभूत और साक्षरता समझ
  • मूलभूत संख्या ज्ञान और गणित कौशल
  • क्षमता आधारित अधिगम परिणामों की दिशा में बढ़ना
  • शिक्षण अधिगम: बच्चे के अधिगम पर फोकस
  • अधिगम मूल्यांकन
  • शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में शिक्षक की भूमिका
  • SCERT और DIET के माध्यम से शैक्षणिक सहायता
  • दीक्षा एप द्वरा डिजिटल संसाधन
  • अभिभावक और सामुदायिक सहभागिता
  • स्कूल तैयारी माड्यूल
  • राष्ट्रीय मिशन के पहलू और दृष्टिकोण
  • मिशन की रणनीतिक योजना
  • मिशन कार्यान्वयन में विभिन्न हितधारकों की भूमिका
  • निगरानी और सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र
  • मिशन की स्थिरता
  • अनुसन्धान, मूल्यांकन और दस्तावेजीकरण की आवश्यकता

NIPUN Bharat कार्यान्वयन के लिए लक्ष्य निर्धारण और निदान (Diagnostics and Goal Setting)

निपुण भारत का उद्देश्य 3 से 9 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की जरूरतों को पूरा करना है। शिक्षकों को बुनियादी भाषा के विकास के लिए हर बच्चे की साक्षरता और संख्यात्मक कौशल पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि उन्हें बेहतर पाठकों और लेखकों के रूप में विकसित करने में मदद मिले। इस तरह निपुण भारत ने बुनियादी चरण में ही सीखने के अनुभव को समग्र, एकीकृत, समावेशी, सुखद और आकर्षक बनाने की परिकल्पना की है। निपुण भारत की सफलता मुख्य रूप से शिक्षकों पर निर्भर करेगी।इसलिए शिक्षकों के क्षमता निर्माण पर विशेष जोर दिया जाएगा। एनसीईआरटी द्वारा निष्ठा के तहत मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल के लिए एक विशेष पैकेज तैयार किया जा रहा है निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों और उद्देश्यों के क्रियान्वयन से निम्नलिखित परिणामों की परिकल्पना की गई है:

Pre-Planning Activity: Diagnostic of Critical Enable

  1. प्राथमिक ग्रेड के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की उपलब्धता और रिक्तियों को भरना
  2. शिक्षण अधिगम के लिए पर्याप्त समय – शिक्षक की उपस्थिति में सुधार और साक्षरता और संख्यात्मकता के लिए समर्पित समय के साथ सामान्य निर्देश अनुसूची विकसित करना
  3. पाठ्यपुस्तकों और ड्रेस का समय पर वितरण
  4. RTE मानदंडों के अनुसार प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करें
  5. आकाओं के पूल की पहचान करें और स्कूल स्तर पर ऑनसाइट सहायता प्रदान करने के लिए उन्हें शिक्षकों के साथ मैप करें
  6. शिक्षकों और प्रशिक्षकों को शैक्षणिक सहायता प्रदान करने के लिए SCERT, DIET, BRC और CRC को सुदृढ़ बनाना
  7. निपुण भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने में विद्यालय प्रबंध समिति (SMC) के समर्थन को प्रोत्साहित करना
  8. FLN (आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता) ग्रेड के लिए पुस्तकालयों और बाल साहित्य की उपलब्धता सुनिश्चित करना

आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के उद्देश्यों और लक्ष्यों की उपलब्धियां

  1. निपुण भारत मिशन और विद्या प्रवेश कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देशों का अनुपालन
  2. NIPUN लक्ष्य के सापेक्ष बच्चों के वर्तमान स्तर को समझने के लिए राज्यों द्वारा मानक का निर्धारण
  3. लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वार्षिक लक्ष्यों के साथ पंचवर्षीय योजना तैयार करें

शैक्षणिक परिणाम (Academic Outcomes)

सभी स्कूलों को उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षण और शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराना

  • मौजूदा शिक्षण और शिक्षण सामग्री की समीक्षा
  • शिक्षण और शिक्षण सामग्री का विकास
  • विद्यालयों में शिक्षण अधिगम सामग्री (TLM) की समय पर उपलब्धता
  • ‘विद्या प्रवेश’ कार्यक्रम के दिशानिर्देश और मॉड्यूल को अपनाना

शिक्षक और अध्यापक शिक्षक का क्षमता निर्माण (Capacity building of Teacher and Teacher Educators)

  1. राज्य और जिला स्तर पर प्रशिक्षकों/मास्टर प्रशिक्षकों का एक संवर्ग विकसित करना
  2. शिक्षकों और बच्चों के लिए कम लागत वाले प्रासंगिक TLM के विकास के लिए DIET की क्षमता का निर्माण करना
  3. शिक्षकों को ऑनसाइट सहायता प्रदान करने के लिए FLN के विभिन्न पहलुओं पर मेंटर्स की क्षमता का निर्माण करना
  4. शिक्षकों के लिए ‘FLN NISHTHA’ प्रशिक्षण शुरू करना
  5. FLN के अनुरूप शिक्षक की योग्यता का ढांचा तैयार करना
  6. FLN के विभिन्न पहलुओं (परिप्रेक्ष्य, सामग्री, शिक्षाशास्त्र, मूल्यांकन, TLM) पर 2 साल के भीतर सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना विकसित करना
  7. शिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित करना

छात्रों का आकलन (Student Assessments)

इसके अंतर्गत स्कूल के स्तर पर मूल्यांकन की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जायेगा और स्कूल की उपलब्धि का सर्वेक्षण कराया जायेगा छात्रों की क्षमता का मूल्यांकन किसी तीसरे पक्ष से भी कराने की व्यवस्था की जाएगी छात्रों को ग्रेड स्तर की दक्षताओं और लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सक्षम बनाया जायेगा

FLN मिशन के लिए Multi stakeholder Communication और जागरूकता योजना

यहाँ FLN का अर्थ Foundational Literacy and Numeracy है हितधारकों की जागरूकता और भागीदारी के लिए 5 वर्षीय व्यापक बहु-हितधारक संचार योजना तैयार की जाएगी तेजी से सर्वेक्षण के माध्यम से संचार योजना की प्रभावशीलता का आकलन किया जायेगा

प्रशासनिक परिणाम (Administrative Outcomes)

निपुण भारत योजना के कार्यान्वयन के लिए संस्थागत ढांचे की स्थापना

राज्य स्तरीय संचालन समिति, राज्य स्तरीय PMU, जिला स्तरीय PMU और ATF की स्थापना की जाएगी निपुण भारत के शैक्षणिक और प्रशासनिक पहलुओं पर राज्य और जिला पीएमयू का संचालन उन्मुखीकरण

NIPUN Bharat योजना के लिए Management Information System

योजना के अंतर्गत निर्धारित KPIs (Key performance indicators) के प्रगति का समय समय पर मूल्यांकन करने के लिए एक मोबाइल एप विक्सित किया जायेगा

मूलभूत भाषा और साक्षरता की समझ क्या है

पढ़ना लिखना और संख्याओं की गणना करने की क्षमता आगे की शिक्षा और जीवन पर्यंत शिक्षण के लिए आवश्यक नीव है। भाषा का पूर्वज्ञान भाषा में साक्षरता कौशल का निर्माण करता है। जिन बच्चों की अपनी मातृभाषा में पकड़ होती है वे अन्यभाषा को आसानी से सीख सकते हैं। इसके अलावा मूलभूत साक्षरता कौशलों को स्कूलों में बढ़ावा दिया जाता है।

मूलभूत भाषा और साक्षरता के मुख्य घटक (Main Component) क्या हैं?

  • मौखिक भाषा विकास: पढ़ने और लिखने के कौशल विकास के लिए मौखिक भाषा का अनुभव महत्वपूर्ण है
  • पठन बोध: यह क्षेत्र पाठ बोध क्षमता और उससे जानकारी प्राप्त करने के साथ साथ पाठ की व्याख्या को कवर करता है
  • चित्रकारी की अवधारण: बच्चों को कौशल बोध विकास के लिए विभिन्न प्रकार की चित्रकारी को देखने के अवसर प्रदान किये जायेंगे
  • लेखन: इस क्षेत्र में अक्षर और शब्द लिखने की कुशलता के साथ-साथ अभिव्यक्ति लेखन शामिल है
  • स्मरण शक्ति: इसमें मौखिक स्मरण, लेखन / पठन स्मरण और शब्दों के स्वरुप के विश्लेषण की दक्षता शामिल है
  • ध्वनि बोध: इसमें भाषा के साथ उनके अर्थपूर्ण सम्बन्ध में उत्पन्न शब्द बोध, लय का बोध और शब्दों में निहित लय बोध शामिल है
  • डिकोडिंग: इसमें चित्र बोध, अक्षर ज्ञान, डिकोडिंग तथा शब्दों की पहचान शामिल है
  • निर्बाध पठन: यह सटीकता, गति अभिव्यक्ति (छंदमय) और बोध से सम्बन्ध रखता है जो बच्चों को पाठ के अर्थ जानने के अवसर देता है
  • पठन के प्रति झुकाव की आदत: इसमें भिन्न-भिन्न पुस्तकों और अन्य पठन सामग्रियों से जुड़ने की प्रेअराना मिलती है

मूलभूत संख्या ज्ञान और गणित कौशल क्या है

साक्षरता का अर्थ ‘तर्क करने की क्षमता’ विकसित करना है और गणित के साधारण सिद्धांतों का प्रयोग करके दैनिक जीवन की समस्याओं को सुलझाने से है संख्याओं के साथ गणितीय कार्य (Mathemetical Operation) और स्थानिक समझ (Spatial Understanding) किसी भी बातचीत और दैनिक जीवन के कार्यों का अभिन्न अंग है इसीलिए NIPUN Bharat योजना में मूलभूत संख्या ज्ञान और गणित कौशल पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है

प्रारम्भिक गणित के मुख्य घटक (Main Component) क्या हैं?

  • प्रारम्भिक गिनती अवधारण: संख्या क्रम को गिनना और समझना
  • संख्या और संख्या सम्बन्धी गणितीय कार्य: गणितीय विधि में दक्षता के लिए जरुरी जानकारी प्राप्त करना जैसे अंकों को दर्शाने के लिए मूल दशांक प्रणाली का उपयोग करना
  • आकार और स्थानिक समझ: अपने ढंग से 3 अंकों का साधारण जोड़-घटाना, गुणा-भाग और उनका अपने दैनिक जीवन कार्यों में प्रयोग करना
  • मापन: 3 अंको गुणा-भाग, जोड़ और घटाना करने के लिए गणितीय नियम की समझ और उसका प्रयोग
  • पद्धति: अंतरिक्ष और स्थानिक वस्तुओं के प्रति अपनी समझ को बढ़ने के लिए सम्बंधित शब्दावली सीखना
  • डाटा का रखरखाव: संख्याओं में पुनःआवर्तित आकार से लेकर पैटर्न तक साधारण पैटर्न को समझाना और उसका विस्तार करना
  • गणितीय सम्प्रेषण: अपने दैनिक जीवन के कार्यकलापों में साधारण डाटा / जानकारी को इकठ्ठा करना, प्रस्तुत करना और उसकी व्याख्या करना

NIPUN Bharat मिशन कार्यान्वयन के हितधारक (Stakeholder)

मिशन मोड में, 2026-27 तक मुलभूत साक्षरता और संख्या का ज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को भूमिका निभानी है समग्र शिक्षा योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी NIPUN Bharat मिशन कार्यान्वयन निम्नलिखित संस्थाओं द्वारा किया जायेगा

  • स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय
  • राज्य और केंद्र शासित प्रदेश
  • राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (NCERT)
  • केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE)
  • केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS)
  • राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (SCERT)
  • जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET)
  • जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और खण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO)
  • ब्लाक संसाधन केंद्र (BRC) क्लस्टर संसाधन केंद्र (CRC)
  • प्रधानाध्यापक और शिक्षक
  • गैर-सरकारी संगठन (NGO) और सिविल सोसाइटी संगठन (CSO)
  • स्कूल प्रबंध समितियां (SMC), समुदाय और अभिभावक
  • स्वयंसेवक
  • निजी स्कूल

NIPUN Bharat में विभिन्न आयु के बच्चों हेतु निर्धारित अधिगम लक्ष्य (Learning Goals)

निपुण भारत योजना में बालवाटिका (आयु 5-6 वर्ष) के बच्चों हेतु निर्धारित अधिगम लक्ष्य

मौखिक भाषा1- दोस्तों और शिक्षकों से बात करना
2- समझ के साथ तुकान्त / कवितायेँ गाना
पढ़ना1- किताबों को देखना और चित्रों की मदद से कहानी पढ़ने का प्रयास करना
2- कुछ परिचित दोहराए गए शब्दों को पहचानने और इंगित करने की शुरुवात करना
3- अक्षरों और ध्वनियों को पहचानना
4- कम से कम 2 अक्षर वाले सरल शब्दों को पढ़ना
लेखन1- खेल के दौरान पहचान वाले शब्दों को लिखने का प्रयास करना
2- आत्म अभिव्यक्ति के पेंसिल घसीटना अथवा चित्र बनाना
3- पेंसिल को धिक् से पकड़ना और पहचानने योग्य अक्षर बनाने के लिए उपयोग करना
4- अपने पहले नाम को पहचानना और लिखना
संख्यात्मक1- वस्तुओं की गिनती और 10 तक की संख्याओं को सहसम्बन्धित करना
2- 10 तक के अंको को पहचानना और पढ़ना
3- वस्तुओं की संख्या के संदंभ में 2 समूहों की तुलना करना और अधिक/ कम/ बराबर जैसे शब्दों का उपयोग करना
4- एक क्रम में घटनाओं की संख्या, वस्तुओं, आकृतियों और घटनाओं को व्यवस्थित करना
5- वस्तुओं को उनकी अवलोकनीय विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत करना और वर्गीकरण के मानक संचार करना
6- अपने चारों और की विभिन्न वस्तुओं के सन्दर्भ में तुलनात्मक शब्दों का उपयोग करना जैसे लम्बे, सबसे लम्बे, सबसे छोटे, हल्के आदि

NIPUN Bharat Yojana में कक्षा 1 (आयु 6-7 वर्ष) के बच्चों हेतु निर्धारित अधिगम लक्ष्य (Learning Target)

मौखिक भाषा1- अपनी जरूरतों परिवेश के बारे में दोस्तों और अपने शिक्षक से बात करना
2- कक्षा में उपलब्ध प्रिंट सामग्री के बारे में बात करना
3- कविताओं और गीतों को एक्शन के साथ सुनाना
पढ़ना1- स्टोरी टेलिंग में हिस्सा लेना और कहानी के दौरान तथा बाद में सवालों का जवाब देना, कठपुतलियों और अन्य सामग्रियों के साथ परिचित कहानी का अभिनय करना
3- वर्तनी के साथ शब्द लिखने के लिए ध्वनि प्रतिक का उपयोग करना
4- आयु के अनुसार उपयोक्त अज्ञात पाठ में कम से कम 4-5 सरल शब्द सहित छोटे वाक्य पढ़ना
लेखन1- परिचित सन्दर्भों में प्रयोग होने वालों शब्दों की मात्राओं के साथ परिचित होना
2- लेखन ड्राइंग या अन्य चीजों को अर्थ देना और अपने कार्यपत्र, बधाई सन्देश चित्रों आदि पर अपना नाम लिखना और ऐसे चित्र बनाना जो पहचानने योग्य हो
संख्यात्मक1- 20 तक वस्तुओं की गिनती
2- 99 तक की संख्या पढ़ना और लिखना
3- दैनिक जीवन में 9 तक की संख्याओं के जोड़ और घटना का उपयोग करना
4- अपने चरों और की ठोस आकृतियों के भौतिक गुणों का अवलोकन और वर्णन करना जैसे गोल, समतल, कोनों और किनारों की संख्या आदि
5- गैर मानक गैर समान इकाइयों जैसे हाथ या पैर की लम्बाई, उँगलियों आदि का उपयोग करके लम्बाई का अनुमान लगाना और पुष्टि करना और गैर मानक इकाइयों जैसे कप, चम्मच, मग आदि का उपयोग करना
6- आकर और संख्याओं का उपयोग करके छोटी कविताओं और कहानियों का निर्माण और पाठ करना

निपुण भारत योजना में कक्षा 2 (आयु 7-8 वर्ष) के बच्चों हेतु निर्धारित अधिगम लक्ष्य (Learning Target)

मौखिक भाषा1- कक्षा में उपलब्ध प्रिंट सामग्री के बारे में बात करना
2- प्रश्न पूछने के लिए के लिए बातचीत में संलग्न होना और दूसरों को सुनना
3- गीत और कवितायेँ सुनाना
4- कहानियो, कविताओं और प्रिंट आदि में प्रयोग होने वाले परिचित शब्दों को दोहराना
पढ़ना1- बच्चों के साहित्य पाठ्यपुस्तक से कहानियो को पढ़ना, वर्णन करना और फिर से बताना
2- किसी दिए गए शब्द के अक्षरों से नए शब्द बनाना
3- आयु उपयुक्त अज्ञात पाठ से उचित गति एवं स्पष्टता के साथ सरल शब्दों के 8-10 वाक्यों को पढ़ना (लगभग 45 से 60 शब्द प्रति मिनट)
लेखन1- खुद को व्यक्त करने की लिए छोटे और सरल वाक्य को सही ढंग से लिखना
2- नामकरण शब्द, क्रिया शब्द और विराम चिह्नों को पहचानना
संख्यात्मक1- 999 तक संख्या पढ़ना और लिखना
2- 99 तक की संख्याओं को जोड़ना और घटाना, दैनिक जीवन स्थितियों में 99 तक की वस्तुओं का योग
3- गुणा और जोड़ को सामान वितरण के रूप में गुणा करना 2, 3, 4 का पहाडा बनाना
4- रॉड पेंसिल धागा कप चम्मच मग आदि का उपयोग करके लम्बाई/ दूरी / क्षमता का अनुमान लगाना और मापना तथा सरल संतुलन का उपयोग करके वजन की तुलना करना
5- आयत, त्रिभुज, वृत्त, अंडाकार आदि 2-D आकृतियों की पहचान करना और उनका वर्णन करना
6- दूर-पास, अन्दर-बाहर, ऊपर-नीचे, दाएँ-बाएँ, आगे-पीछे जैसी स्थानसूचक शब्दावली का उपयोग करना
7- संख्याओं और आकृतियों का उपयोग करके सरल पहेलियों को बनाना और उनको हल करना

NIPUN Bharat Yojana में कक्षा 3 (आयु 8-9 वर्ष) के बच्चों हेतु निर्धारित अधिगम लक्ष्य (Learning Target)

मौखिक भाषा1- घर और स्कूल में उपयुक्त शब्दावली का उपयोग करके स्पष्टता के साथ बातचीत करना
2- कक्षा में उपलब्ध प्रिंट सामग्री के बारे में बात करना
3- सवाल पूछने, अनुभव बताने दूसरों को सुनाने और जवाब देने के लिए बातचीत में हिस्सा लेना
4- कविताओं को व्यक्तिगत रूप से और समूह में आवाज का उतार-चढ़ाव और आवाज बदल कर गाना
पढ़ना1- परिचित पाठ्य पुस्तकों से जानकारी प्राप्त करना
2- भाषा के आधार पर और अज्ञात पाठ से सही उच्चारण के साथ लगभग 60 शब्द प्रति की गति के साथ पढ़ना
3- पाठ में दिए निर्देशों को पढ़ना और उनका पालन करना
4- आयुउपयुक्त अज्ञात कहानी / 8-10 वाक्यों के अनुच्छेद को पढ़के 4 में से कम से कम 3 प्रश्नों का उत्तर दे सके
लेखन1- विभिन्न उद्देश्यों के लिए छोटे सन्देश लिखना
2- लिखने के लिए क्रिया शब्दों, नामकरण और विराम चिह्नों का उपयोग करना
3- व्याकरण के अनुसार सही वाक्य लिखना
4- व्याकरण के अनुसार सही वाक्यों का प्रयोग करके खुद छोटे पैराग्राफ और छोटी कहानियां लिखना
संख्यात्मक1- 9999 तक संख्या लिखना और पढ़ना
2- 999 तक की संख्याओं को जोड़ना और घटाना
3- 2 से 10 तक का पहाड़ा बनाना और उनका उपयोग करना और विभाजन तथ्यों का उपयोग करना
4- मीटर, Km, ग्राम, Kg, लीटर आदि का उपयोग करके लम्बाई, दूरी, वजन और क्षमता का अनुमान लगाना और मापना
5- ठोस 3-D आकृतियों के साथ मूल 2-D आकृतियों की पहचान करना और उनके गुणों जैसे चेहरे, किनारे और कोनों की संख्या का वर्णन करना
6- किसी तारीख और दिन की कैलेंडर पर पहचान करना, घंटे और आधे घंटे में घड़ी पर समय पढ़ना
7- आधा, एक चौथाई, पूरे के तीन चौथाई का वस्तुओं के संग्रह में पहचान करना
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