आयकर अधिनियम की धारा 80C क्या है? इस से टैक्स में कैसे छूट मिलती है

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Reported by Shiv Nagar

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आयकर अधिनियम की धारा 80C क्या है? देश में बहुत से नौकरीपेशा लोग जो इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं कई बार उन्हें इनकम टैक्स के भुगतान से जुड़े सारे नियमों के बारे में पता नहीं होने के कारण वह यह नहीं जान पाते की इनकम टैक्स के कई नियम और कानून ऐसे भी हैं, जो आपके टैक्स देनदारी को बहुत कम या खत्म भी कर सकते हैं। जी हाँ यहाँ हम बात कर रहे हैं इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C और इससे संबंधित धाराएं 80CCC एवं 80CCD की जिसके तह किसी भी तरह की निवेश और खर्चों पर व्यक्ति या संयुक्त हिंदू परिवार (HUF) एक वित्तीय वर्ष के टैक्स में 1.50 लाख रूपये तक की छूट मिलती है। ऐसे में यदि आपको भी आयकर अधिनियम की धारा 80C क्या है? और इससे टैक्स में आपको कैसे छूट मिलती है, धारा 80C के तहत आने वाली योजनाएं इनकी जानकारी नहीं है तो इस लेख के माध्यम से हम आपको आयकर अधिनियम की धारा 80C से संबंधित सभी जानकारी प्रदान करेंगे, जिसके लिए आप लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।

Know what is Income Tax Act Section 80C आयकर अधिनियम की धारा 80C क्या है
Know what is Income Tax Act Section 80C

आयकर अधिनियम की धारा 80C क्या है?

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C व्यक्ति को टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट और खर्चों को टैक्स कटौती के योग्य बनाकर टैक्स के दायरे में आने वाली आय को कम करने की अनुमति देता है यानी आयकर अधिनियम की धारा 80C ऐसा सरकारी नियम है जो कुछ ख़ास निवेशों, खर्चों और जमा में 1.50 लाख रूपये पर टैक्स छूट का लाभ प्रदान करता है। इस धारा के तहत क्लेम की जाने वाली रकम को आपकी ग्रॉस टोटल इनकम से कम कर दिया जाता है, इस कम की गई इनकम को इनकम टैक्स स्लैब में रखकर गणना करने से इनकम टैक्स देनदारी भी कम हो जाती है, जिससे आपको कम टैक्स चुकाना पड़ता है।

उद्धरण के लिए मान लीजिए यदि आपकी सालाना आय 12 लाख रूपये है और आपने किसी भी सेविंग स्कीम जिअसे पीपीएफ, एनएससी आदि में 1.50 लाख रूपये या इससे अधिक पैसे लगाया है तो इस स्थिति में आपकी 12 लाख रूपये की आमदनी में से 1.50 लाख रूपये काटकर बाहर करते हैं तो आपके पास बचे 10.50 लाख रूपये से इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स की कैलकुलेशन की जा सकती है।

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इस धारा के तहत निवेशों और खर्चों पर मिलती है, टैक्स पर छूट

आपको बता दें इनकम टैक्स अधिनियम के अंतर्गत आने वाली छूट कई निवेश योजनाओं में 80C, 80CCC एवं 80CCD के तहत आती है, जिसमे धरा 80C के अंतर्गत पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, म्यूचुअल फंड आदि वहीं 80CCC के अंतर्गत कुछ ख़ास पॉलिसी जो पेंशन और एन्युटी के लिए भुगतान करती है वहीं 80CCD के अंतर्गत NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) शामिल है, ऐसे में चलिए जानते हैं 80C के तहत निवेशों, जमा खातों और खर्चों पर आपको मिलने वाली टैक्स छूट का लाभ, जो कुछ इस प्रकार।

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के कर्मचारियों को उनके द्वारा जमा किए गए पैसे या पीएफ पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स से छूट का लाभ मिलता है, जिसमे प्रत्येक वर्ष 1.5 लाख रूपये तक के ईपीएफ पर यह टैक्स छूट ली जा सकती है। ईपीएफ में कंपनी के कर्मचारी के वेतन का 12 % कटकर जमा होता है और इतना ही हिस्सा कंपनी की और से भी जमा किया जाता है, लेकिन सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट केवल कर्मचारी के हिस्से वाली जमा पर ही मिलती है। EPF की ब्याज दर टैक्स फ्री होती है, लेकिन यदि कर्मचारी कंपनी छोड़ देते हैं तो इस पर टैक्स लगना शुरू हो जाएगा, इसके अलावा यदि आप पांच साल से पहले ही ईपीएफ से पैसे निकाल लेते हैं तो आपके ईपीएफ में मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा।

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पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

सार्वजनिक भविष्य निधि (Public Provident Fund) यह भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सबसे लोकप्रिय बचत योजनाओं में से एक है, जिसके तहत लंबे समय तक निवेश करने पर आपको सुरक्षित और अच्छा रिटर्न प्राप्त होता है।

  • पब्लिक प्रोविडेंट फंड को पीपीएफ अधिनियम 1968 के तहत भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था, इस योजना के तहत आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में अपना पीपीएफ अकाउंट न्यूनतम 500 रूपये से खुलवा सकते हैं।
  • इस स्कीम के तहत पीपीएफ अकाउंट खुलवाने पर जमा पैसों पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स से छूट मिलती है, प्रत्येक वर्ष पीपीएफ खाते में जमा किए गए 1.5 लाख रूपये पर यह टैक्स छूट ली जा सकती है।
  • पीपीएफ अकाउंट 15 साल की अवधि के लिए चलता है और इसमें आवेदक कम से कम 500 रूपये और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किए जा सकते हैं।

जीवन बीमा योजना

जैसे की आज हर कोई अपने या अपने परिवार के सभी सदस्य की सुरक्षा के लिए जीवन बीमा को एक बेहतर विकल्प मानते हैं, जीवन बीमा जो एक सिंगल प्रीमियम पॉलिसी है इसके शुरू होने के दो साल तक आप इसे बंद नहीं कर सकते हैं, इस पालिसी में प्रीमियम का भुगतान करने पर आपको टैक्स छूट मिलती है। यदि यह मल्टिपल प्रीमियम पॉलिसी है तो आपको दो साल तक का प्रीमियम भरना होगा, ऐसा नहीं करने पर आपको यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी की धारा 10 (10) D टैक्स में छूट नहीं मिलेगी। आपको बता दें जिन जीवन बीमा पॉलिसी में बीमा कवर सालाना प्रीमियम के 10 गुना है, इस योजना की धारा 10 (10) D के अंतर्गत भारतीय आयकर अधिनयम के तहत टैक्स में छूट मिलेगी।

राष्ट्रीय बचत पत्र (National Savings Certificate)

राष्ट्रीय बचत पत्र भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जिसमें निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं। इस स्कीम के अंतर्गत बैंक या पोस्ट ऑफिस में आवेदक द्वारा अपना अकाउंट खुलवाया जा सकता है, इस स्कीम के अंतर्गत न्यूनतम 1000 रूपये से लेकर अधिकतम कितने भी रूपये की एनएससी खरीदी जा सकती है। एनएससी के तहत जमा की गई 150 लाख रूपये की रकम पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स से छूट का लाभ मिलता है।

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

सुकन्या समृद्धि योजना देश की 10 साल से कम उम्र की लड़कियों के लिए शुरू की गई एक बेहद ही लाभकारी योजना है, जिसके तहत माता-पिता अपनी बेटी के भविष्य के लिए बचत कर सकते हैं, इसके लिए बेटी के माता-पिता द्वारा बैंक या पोस्ट ऑफिस में उसका अकाउंट खुलवाया जा सकता। SSY के तहत खुलवाए गए अकाउंट में हर साल कम से कम 250 रूपये और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किए जा सकते हैं। इस योजना के तहत हर साल 1.5 लाख रूपये तक की जमा राशि पर लाभार्थी को सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। SSY के अंतर्गत खाता खुलवाने के 15 वर्षों तक पैसे जमा करने पड़ते हैं, जिसके बाद बेटी के 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर वह अपने खाते से पैसे निकाल सकती है।

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)

भारत सरकार द्वारा 60 वर्ष से अधिक या रेटरएड वरिष्ठ नागरिकों को बचत की सुविधा प्रदान करने के लिए सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम की शुरुआत की गई है, इस योजना के तहत नागरिक पोस्ट ऑफिस या बैंक में अपना खाता खुलवा सकते हैं। यह बचत प्रोग्राम 5 साल के लिए होता है, जिसमे हर तीन महीने आपको एक निश्चित रकम मिलती रहती है। 5 साल बाद आपको जमा की गई पूरी रकम वापस भी मिल जाती है, सीनियर सिटीजन अकाउंट में जमा पैसों पर भी हर साल 1.50 लाख रूपये पर लाभार्थी को टैक्स छूट का लाभ मिलता है।

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs)

यदि आप अपनी पूंजी को निवेश करना चाहते हैं, तो आपके लिए टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश के साथ-साथ टैक्स बचाने के लिए भी एक बेहतर विकल्प है। इसके तहत बैंक या पोस्ट ऑफिस में पांच साल के लिए किए गए टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) टैक्स छूट के लिए मान्य होती है, ऐसे फिक्स्ड डिपॉजिट पर केवल मिलने वाले ब्याज में निर्धारित टैक्स लगता है।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)

नेशनल पेंशन सिस्टम एक स्वैच्छिक, परिभाषित योगदान सेवानिवृति बचत योजना है। NPS छूट सेक्शन 80CCD (1) एवं (2) के तहत आता है, सेक्शन 80C के तहत के तहत कर्मचारी और कंपनी दोनों को ही टैक्स में छूट का लाभ मिलता है। योजना के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति जो अपने स्वंय का बिजनेस कर रहे हैं या कर्मचारी जिनकी बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता 10% से अधिक नहीं है वह लाभ उठा सकते हैं। एनपीएस में 50,000 रूपये तक के अपनी इच्छा से किए गए योगदान को धारा 80C के अंतर्गत 1.5 लाख रूपये से अधिक की छू दी जाती है। एनपीएस में किया गया योगदान (मैच्योरिटी तक) 40% टैक्स फ्री होता है।

Income Tax Act Section 80C के तहत टैक्स से छूट पाने की क्या योग्यता है?

इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 80C के तहत कोई भी व्यक्ति या हिंदू परिवार छूट के लिए दावा करने योग है, इनके अलावा किसी कंपनी या साझेदारी (पार्टनरशिप) आदि को छूट नहीं मिल सकती।

क्या भारतीय नागरिकों की तरह ही एनआरआई को भी टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं?

जी हाँ, भारतीय नागरिकों की तरह ही एनआरआई को भी टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं।

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