क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड? यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) जिसे हिंदी में समान नागरिक संहिता के नाम से जाना जाता है, यह देश के सभी नागरिकों के लिए एक सामान कानून का प्रावधान है। भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए बनाए गए संविधान में जीवन की स्वतंत्रा के साथ-साथ एक समान कानून भी लागू किए गए हैं, जिसमे समान नागरिक संहिता सभी धर्म के नागरिकों पर समान रूप से लागू होता है।
ऐसे में देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से इसका नागरिकों पर क्या प्रभाव होगा, इसे लेकर देश में बहुत से लोगों के मन में चिंता बनी हुई है। तो चलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? और इसके क्या फायदे या नुक्सान है इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे, जिसके लिए आप लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।
यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड देश के सभी नागरिकों के लिए एक सामान कानून है। जिसके माध्यम से सभी धर्म के नागरिकों के लिए विरासत, गोद लेना, विवाह, तलाक आदि के कानूनों में समानता दिए जाने का प्रावधान है। यूसीसी का मुख्य उद्देश्य विभिन्न धार्मिक प्रथाओं और कानूनों में मौजूद संघर्षों और असमानताओं को दूर करके राष्टीय एकता और लैंगिक समानताओं का बढ़ावा देना है।
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यूनिफॉर्म सिविल कोड कहाँ पर है लागू?
यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने की बात करें तो देश में अभी तक विभिन्न राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित रादेशों की और से यूसीसी को लागू करने के बारे में चर्चा की जा रही है। हालांकि अभी तक इस पर कोई कार्य नहीं किया गया है। देश में अभी यूसीसी केवल एक ही राज्य में लागू किया गया है, यह राज्य है गोवा, यहाँ पुर्तगाल के समय से ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया गया था, गोवा सरकार वर्ष 1961 में यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ ही बनी थी।
यूसीसी को लेकर डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान के निर्माण के दौरान कहा की यह वांछनीय है लेकिन फिलहाल इसे स्वैछिक रहना चाहिए। भारतीय संविधान के भाग 4 में अनुछेद 44 के अंतर्गत भारतीय राज्य के देश में सभी नागरिकों के लिए सामान नागरिक संहिता का निर्माण करने को कहा गया है।
UCC में शामिल विषय
- संपत्ति का अधिकार और संचालन
- विवाह, तलाक गोद लेना
- व्यक्तिगत स्तर
इन देशों में लागू है यूसीसी
यूनिफॉर्म सिविल कोड कई देशों में लागू हैं जिनकी जानकारी कुछ इस प्रकार है।
- मलेशिया
- अमेरिका
- बांग्लादेश
- इजिप्ट
- पाकिस्तान
- इंडोनेशिया
- सूडान
- आयरलैंड
- तुर्की
यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे
दुनिया के लगभग 125 देशों में यूसीसी लागू होने से होने वाले फायदे निम्नानुसार है।
- समान नागरिक संहिता के लागू होने से सभी समुदाय के लोगों को समान अधिकार मिलेंगे साथ ही इससे लैंगिक समानता को बढ़ावा मिल सकेगा।
- सभी कानूनों में अधिक सरलता और स्पष्टता आएगी, जिससे नागरिकों के लिए कानून को समझने में आसानी होगी।
- अलग-अलग समुदाय के लोगों की व्यक्तिगत या धर्म कानूनों के आधार पर होने वाले भेदभाव को खत्म किया जा सकेगा।
- यूसीसी के लागू होने से देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार हो सकेगा।
- कई समुदायों में महिलाओं के लिए पर्सनल लॉ में अधिकार बेहद सीमित हैं, ऐसे में समान नागरिक संहिता के लागू होने से महिलाओं को भी समान अधिकार लेने का लाभ मिलेगी।
- आज भी धार्मिक रूढ़ियों के कारण समाज में किसी वर्ग के अधिकारों के हनन को रोका जा सकेगा।
- मुस्लिम समाज में बेटी की शादी की न्यूनतम आयु 9 वर्ष है, यूसीसी के लागू होने से मुस्लिम बालिकाओं की छोटी आयु में बालविवाह होने से रोका जा सकेगा।
- मुस्लिम समाज में अभी तक हो रहे कई तरह के तलाक के कारण मुस्लिम महिलाओं को इसका खामियाजा भुगतान पड़ रहा है, ऐसे में यूसीसी के लागू होने से तलाक की प्रक्रिया एक जैसी हो जाएगी।
- पिता के बाद महिलाओं को पिता की संपत्ति पर अधिकार और गॉड लेने से संबंधी सभी मामलों में एक सामान नियम लागू हो जाएंगे।
यूसीसी के नुक्सान
- जैसा की भारत एक विविधता[पूर्ण देश हैं, जहाँ विभिन्न संस्कृतियों एवं परंपराओं के लोग रहते हैं। ऐसे में यूसीसी के लागू होने से इन संस्कृतियों का समरूपीकरण हो सकता है, जिससे सांस्कृतिक विविधता को नुक्सान होने का खतरा है साथ ही इससे विभिन्न समुदायं के बीच तनाव पैदा हो सकता है।
- यूनिफॉर्म सिविल कोड के कार्यान्वयन को भारत में अलग-अलग समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में देखा जा सकता है, जिसके कराण देश में संघर्ष के साथ-साथ कई अवांछनीय परिणाम हो सकते हैं।
- यूसीसी के कार्यान्वयन को विभिन्न समुदायों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है, इससे नागरिकों को डर है की उनके व्यक्तिगत कानूनों और धार्मिक परंपराओं को कमजोर कर सकता है।
UCC से धार्मिक स्वतंत्रा को लेकर ये संवैधानिक प्रावधान
समान नागरिक संहिता (UCC) के कार्यान्वयन को लेकर भारत के संविधान में दिए गए मौलिक अधिकार धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार से संबंध से पेश किया जा रहा है। भारतीय संविधान के अनुछेद 25 से 28 तक की स्वतंत्रता के अधिकार की बात कहि गई है, जिसमे नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी दी जाती है, यानी देश के प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्वक क्रिया करने और बढ़ावा देने का अधिकार दिया गया है।