सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान – Disadvantage of Sukanya Samridhi Yojana

सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान: सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) केंद्र सरकार द्वारा देश में बेटियों के उज्जवल भविष्य और उन्हें शिक्षा में प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से शुरू की गई एक बेहद ही लाभकारी योजना है। इस योजना के माध्यम से बेटी के माता-पिता उसकी शिक्षा एवं शादी के लिए पैसों की बचत कर सकते

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Reported by Shiv Nagar

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सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान: सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) केंद्र सरकार द्वारा देश में बेटियों के उज्जवल भविष्य और उन्हें शिक्षा में प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से शुरू की गई एक बेहद ही लाभकारी योजना है। इस योजना के माध्यम से बेटी के माता-पिता उसकी शिक्षा एवं शादी के लिए पैसों की बचत कर सकते हैं, जिसमे उन्हें निर्धारित अवधि तक निवेश करने पर सरकार की और से 7.6% ब्याज दर प्रदान किया जाता है। हालांकि योजना में अकाउंट खोलने से पहले नागरिकों को इसके लाभ के साथ-साथ इसके नुक्सान के बारे में भी जान लेना चाहिए।

ऐसे में यदि आप भी सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अपनी बेटी का खाता खुलवाना चाहते हैं, तो SSY के लाभ के अलावा इसके नुक्सान क्या है? यह खाता खुलवाने से पहले अवश्य ही जान लें। इस लेख के माध्यम से हम आपको सुकन्या समृद्धि योजना के नुक्सान से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे, इसके लिए आप इस लेख को पूरा आवश्य पढ़ें।

सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान

सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान

केंद्र सरकार द्वारा संचालित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अभियान के रूप में सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 में की गई थी। इस योजना के अंतर्गत माता-पिता अपनी 10 वर्ष या इससे कम आयु की बालिका का खाता खुलवाकर उसमे न्यूनतम 250 रूपये से लेकर 1.5 लाख रूपये तक अपनी सुविधानुसार योजना में निवेश कर सकते हैं। SSY में निवेश की मैच्योरिटी के पश्चात बेटी के 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर वह एक साथ पैसों की निकासी कर सकती है।

सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत नियमों और प्रतिबंधों के कारण, इसमें निवेश करने के कुछ नुकसान भी होते हैं, जिसकी जानकारी लोगों को नहीं होती, ऐसे में योजना में निवेश करने पर होने वाले नुक्सान इस प्रकार है।

लंबी अवधि के लिए जमा रहता है आपका पैसा

सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत बालिका का अकाउंट उसके 21 साल पूरे होने तक चलता है, इसमें आपको केवल 15 साल तक ही जमा करने की छूट होती है, हालांकि उसके बाद भी अगले 6 साल तक अकाउंट जारी रहता है। जिसमे पहले से जमा किए गए पैसे पर ब्याज लगता है, मैच्योरिटी के बाद लाभार्थी को जमा राशि और ब्याज के साथ पैसा वापस मिल जाता है।

योजना के अंतर्गत बालिका 18 वर्ष की आयु में भी अपनी शिक्षा के लिए जमा राशि से 50% पैसे निकाल सकती है, वहीं शेष 50% राशि वह 21 वर्ष की आयु के बाद भी निकाल सकती है। इससे पहले योजना के अंतर्गत अकाउंट से पहले पैसे नहीं निकाले जा सकते, यह अवधि लंबी होने के कारण योजना का एक बड़ा नुक्सान है।

10 साल से अधिक वर्ष की बेटी का अकाउंट नहीं खुलवाना

SSY के अंतर्गत केवल 10 साल या इससे कम उम्र की आयु की बालिका का खाता खुलवाया जा सकता है यानी योजना का एक नुक्सान यह भी है की यदि आवेदक बालिका की आयु 10 वर्ष से अधिक है तो उसका अकाउंट नहीं खोला जा सकता है। योजना के अंतर्गत केवल एक परिवार की दो बालिकाओं का ही खाता खुलवाया जा सकता है, इसके लिए आवेदक बालिका की आयु 10 वर्ष से कम होनी आवश्यक है।

अधिकतम जमा राशि की सीमा निर्धारित है

सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत आवेदन पर इसमें निवेश की भी अधिकतम सीमा तय की गई है, इसमें आवेदक साल में अधिकतम केवल 1.50 लाख रूपये तक का निवेश कर सकते हैं। इसके लिए योजना के अंतर्गत आवेदक के पास 15 साल तक की छूट होती है, जिसमे वह मैच्योरिटी तक केवल 22.50 लाख रूपये की राशि बालिका के खाते में जमा कर सकते हैं, इसपर आपको ब्याज सहित कुल 65 लाख रूपये तक की राशि मैच्योरिटी अवधि प्राप्त होती है।

इससे अधिक राशि आप SSY के अंतर्गत जमा नहीं कर सकते हैं, जो योजना के तहत आवेदक के लिए घटक के रूप में देखा जाता है। यदि आप इससे अधिक राशि जमा करना चाहते हैं, तो आप एफडी या NSC में निवेश के माध्यम से बचत कर सकते हैं।

न्यूनतम राशि जमा नहीं करने पर लगती है पैनल्टी

इस योजना के अंतर्गत आवेदक को अपनी सुविधा अनुसार हर साल न्यूनतम 250 रूपये से अधिकतम डेढ़ लाख रूपये के बीच पैसे जमा करने की छूट प्रदान की गई होती है। ऐसे में यदि कोई आवेदक किसी वर्ष 250 रूपये की न्यूनतम राशि भी खाते में जमा नहीं कर पाते हैं तो उन्हें 50 रूपये की पैनल्टी भरनी पड़ सकती है। ऐसा हर साल पैसे समय पर जमा नहीं करने पर आपको 50-50 रूपये की पैनल्टी न्यूनतम बकाया राशि के साथ जमा करनी होगी।

हर तिमाही में ब्याज दर बदलने की होती है आशंका

सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार हर तिमाही में योजना की नई ब्याज दरें घोषित करती हैं। यह नई ब्याज दर आपके नए और पुराने दोनों ही जमा पैसों पर भी लागू होती है, जिससे वह घटती और बढ़ती ब्याज दरें आपकी जमा राशि पर भी प्रभाव डालती है। हालांकि SSY की ब्याज दरें सामान्य बचत योजनाओं की तुलना हमेशा अधिक रहती है लेकिन यह बदलती ब्याज दरें योजना में निवेश करने के इच्छुक निवेशकों के आकर्षण को कम कर देती है।

माता-पिता के अलावा अन्य सगे-संबंधी नहीं खुलवा सकते खाता

योजना में बेटी के नाम का खाता केवल उसके माता-पिता द्वारा ही खोला जा सकता है, इसके अतिरिकी यदि किसी अभिभावक ने लड़की को कानूनी प्रक्रिया को पूरा करके गोद लिया है, तो केवल वह अभिभावक ही बेटी का अकाउंट खुलवा सकते है। अभिभावक के अलावा बेटी के नाना-नानी, भाई-बहन या अन्य सगे-संबंधी बेटी का खाता नहीं खुलवा सकते हैं, इन्हे केवल तभी यह हक दिया जा सकता है जब बेटी के माँ-बाप जीवित नहीं है और सगे-संबंधियों द्वारा बेटी को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया को पूरा किया गया हो।

18 वर्ष की आयु में केवल 50% रकम की निकासी की जा सकती है

जैसा की सरकार की और से बेटियों को उनकी शिक्षा पूरी करने में समर्थन देने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजन के अंतर्गत कई तरह की योजनाएं संचालित की जाती है। ऐसे में बालिकाएं अपनी उच्च शिक्षा बिना किसी आर्थिक समस्या के पूरी कर सकें। इसके लिए सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत एक तरफ जहाँ बालिका के 21 वर्ष पूरे होने पर वह जमा राशि निकाल सकती है। वहीं 18 वर्ष की आयु में यदि बालिका अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने के लिए रकम निकालना चाहे तो वह केवल जमा राशि का 50% तक की निकासी ही कर सकेंगी, इससे भी योजना में निवेश अभिभावकों के लिए कम आकर्षण बन जाता है।

मैच्योरिटी के बाद खाता आगे नहीं बढ़ा सकते

सुकन्या समृद्धि योजना के अंर्गत आवेदन करने के बाद से 21 साल की मैच्योरिटी अवधि पूरी होने के पश्चात अकाउंट बंद करना होता है यानी योजना में अकाउंट को मैच्योरिटी के बाद आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। हालांकि अन्य सरकारी योजनाओं जैसे पीपीएफ या एफडी में आप मैच्योरिटी के बाद पैसों की जरुरत नहीं होने पर इसे आगे पांच साल या पिछली अवधि के बराबर ही खाते का विस्तार कर सकते हैं।

कुछ अन्य विकल्पों में इससे अधिक रिटर्न मिलता है

सुकन्या समृद्धि योजना की तुलना यदि बैंक की अन्य जमा योजनाओं से की जाए तो इसमें मिलने वाला ब्याज अन्य योजनाओं की तुलना अधिक लगता है। जिसके कारण लोग SSY में निवेश को एक बेहतर विकल्प मानते हैं, हालांकि मार्किट में ऐसे कई अन्य विकल्प भी मौजूद है जो सुकन्या समृद्धि योजना से अधिक ब्याज देते हैं, जैसे ELSS (Equity Linked Saving Scheme) इस योजना में पैसा लगाकर आप लगभग 12% से 14% तक का रिटर्न पा सकते हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान से संबंधित सभी जानकारी हमने आपको अपने लेख के माध्यम से प्रदान कर दी है और हमे उम्मीद है की यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी, इसके लिए यदि आपको हमारा लेख पसंद आए या इससे संबंधित कोई प्रश्न पूछना हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न पूछ सकते हैं, हम आपके प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे। इस योजना से जुड़े किसी भी समस्या के लिए आप हमारा आर्टिकल सुकन्या समृद्धि योजना टोल फ्री नंबर को पढ़ें।

इसके साथ ही इसी तरह की और भी योजनाओं से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप हमारी साइट से जुड़े रह सकते हैं।

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