डिमांड ड्राफ्ट क्या होता है? जानें इसके प्रकार, कैसे बनवाएं और रद्द करें

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Reported by Shiv Nagar

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जैसा की आज ऑनलाइन भुगतान के कई माध्यम जैसे नेट बैंकिंग या ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध होने से नागरिक आसानी से कुछ ही मिनटों में एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। लोग अपने समय की बचत करने के लिए ऑनलाइन नेट बैंकिंग के जरिए बेहद ही सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से ऑनलाइन पैसों का स्थानांतरित करने को एक बेहतर विकल्प के मानते हैं, हालांकि कई ग्रामीण और छोटे शहर ऐसे भी हैं जिनमे ऑनलाइन बैंकिंग की सेवा उपलब्ध नहीं होने से लोग आज भी पारंपरिक बैंक भुगतान विधियों जैसे चेक और डिमांड ड्राफ के उपयोग को जारी रखते हैं।

ऐसे में ऑनलाइन पेमेंट भुगतान के लिए नेट बैंकिंग के अलावा ऑफलाइन डिमांड ड्राफ्ट क्या होता है? इस सुविधा का लाभ नागरिक किस तरह उठा सकेंगे, डिमांड ड्राफ्ट के प्रकार आदि की संपूर्ण जानकारी इस लेख के माध्यम से प्रदान करेंगे, जिसके लिए आप लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।

Know How to make demand draft
Know How to make demand draft

डिमांड ड्राफ्ट क्या होता है?

डिमांड ड्राफ्ट जिसे DD के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी विधि है जिसका उपयोग एक व्यक्ति या बैंक द्वारा एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में धन स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। डिमांड ड्राफ्ट बैंक द्वारा जारी किया जाता है और यह चेक से अलग होता है, इसे कोई भी व्यक्ति जारी नही कर सकता। डिमांड ड्राफ्ट के जरिए भुगतान राशि को उसी बैंक या अन्य दूसरे बैंक की ब्रांच में ट्रांसफर किया जा सकता है। डिमांड ड्राफ्ट चेक की तुलना काफी सुरक्षित माना जाता है और इसमें धोखाधड़ी का ख़तरा भी कम होता है, ऐसा इसलिए क्योंकि डिमांड ड्राफ्ट जारी करने से पहले ही पैसे बैंक के पास जमा करने होते हैं, जिसके बाद ही बैंक डिमांड ड्राफ्ट जारी करता है, जबकि चेक के मामले में कई बार बैंक में पैसे नहीं होने के कारण चेक के बाउंस भी हो जाता है।

आपको बता दें डिमांड ड्राफ्ट केवल मांग पर जारी किया जाता है, और उन्हें केवल बैंक में जमा किया जा सकता है। चेक के विपरीत डिमांड ड्राफ्ट धारक को भुगतान नहीं किया जा सकता। आमतौर पर डिमांड ड्राफ्ट बैंक द्वारा तब ही जारी किए जाते हैं,जब बड़ी मात्रा में पैसे सवालों के घेरे में होते हैं या जब पक्ष एक दूसरे को नही जानते और उन्हें विश्वास की कमी होती है। डिमांड ड्राफ्ट जारी करने के लिए अनुरोध करने वाले व्यक्ति के खाते से पैसे लिए जाते हैं, जिसमे डिमांड ड्राफ्ट के लिए अनुरोध करने वाले व्यक्ति को दराज (Drawer) जबकि पैसों का भुगतान करने वाले बैंक को अदाकर्ता (Drawee) कहा जाता है।

Demand Draft के प्रकार

डिमांड ड्राफ्ट के प्रकार की बात करें तो इसके दो प्रकार है, साइट डिमांड ड्राफ्ट और टाइम डिमांड ड्राफ्ट, जो कुछ इस प्रकार है।

  • साइट डिमांड ड्राफ्ट – इस प्रकार का डिमांड ड्राफ्ट तुरंत देय होता है, जिसे कुछ दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के बाद ही मंजूर किया जाता है और भुगतान किया जाता है, यदि वह आवश्यक दस्तावेजों में से किसी एक को भी पेशकश करने में असफल रहता है तो प्राप्तकर्ता पैसों को प्राप्त नहीं कर सकेंगे। डिमांड ड्राफ्ट जल्दी दय होने के साथ-साथ आमतौर पर इसका उपयोग तब किया जाता है जब विदेशी बाजार में सामान खरीदना हो। उद्धरण के लिए यदि कोई विक्रेता किसी खरीदार को कोई वास्तु भेजता है तो खरीदार तब तक उस वस्तु या सामान का स्वामित्व रखता है, जब तक वह खरीदार को प्राप्त न हो जाए ऐसे में खरीदार विक्रेता को तुरंत धन स्थानांतरित करने के लिए डिमांड ड्राफ्ट का उपयोग कर सकता है, जिससे विक्रेता को वस्तु का स्वामित्व खरीदार को स्थानांतरीत करने की अनुमति मिल जाए।
  • टाइम डिमांड ड्राफ्ट – टाइम डिमांड ड्राफ्ट समय की एक विशेष अवधि के बाद और उससे पहले देने योग्य है, इसे बैंक से नहीं लिया जा सकता है, यह एक निश्चित समय के बाद ही पूर्ण रूप से देय होता है।

ऐसे बनवाएं डिमांड ड्राफट (DD)

डिमांड ड्राफ्ट के लिए आप ऑनलाइन या अपने बैंक जाकर बैंक द्वारा पेश किया गया डिमांड ड्राफ्ट फॉर्म ले सकते हैं। इस फॉर्म में आपको पूछी गई सभी महत्त्वपूर्ण जानकारी भरनी होती है, जैसे की आपके डिमांड ड्राफ्ट के लिए भुगतान का तरिका (चेक या नगद), लाभार्थी का नाम, ड्राफ्ट इनकैश करने का स्थान, चेक नंबर, आपका बैंक अकाउंट नंबर, सिग्नेचर आदि। डिमांड ड्राफ्ट के लिए आपको कुछ शुल्क देना होगा, शुल्क अलग-अलग बैंक की पॉलिसी के तहत हो सकता है, लेकिन हमेशा एक निश्चित शर्त के अनुसार रहता है। यदि आप 50 हजार रूपये या इससे अधिक राशि का भुगतान कर रहे हैं तो आपको अपने पैनकार्ड की जानकरी देनी होगी।

आप जिस भी बैंक से डिमांड ड्राफ्ट के लिए आवेदन करते हैं, आपको उस बैंक को शुल्क जमा करना होता है, ड्राफ्ट जारी करने के लिए दी गई राशि (चेक या नगद) को बैंक तुरंत स्वीकार कर लेता है। देश के हर बैंक का डिमांड ड्राफ्ट शुल्क अलग-अलग हो सकता है, जिनमे से कुछ बैंक के शुल्कों की लिस्ट कुछ इस प्रकार है।

चेक द्वारा जारी किए गए डिमांड ड्राफ्ट पर:

ICICI बैंक

  • आईसीआईसीआई बैंक – 10000 रूपये तक की राशि पर ₹50 + GST शुल्क लगता है।
  • 10,000 रूपये से अधिक की राशि पर ₹1000 के हर पार्ट में ₹3 जिसमे न्यूनतम ₹75 न्यूनतम और अधिकतम ₹15,000 शुल्क लगता है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया

  • एसबीआई में 5000 रूपये राशि पर ₹25 + GST शुल्क लगता है।
  • 5000 से 10000 रूपये तक की राशि पर ₹50 + GST शुल्क लगता है।
  • 10,000 से लेकर 1,000,00 रूपये तक की राशि पर ₹1000 के हर पार्ट में ₹5 जिसमे न्यूनतम ₹55 न्यूनतम और अधिकतम ₹15,000 शुल्क लगता है।
  • 1,000,00 रूपये की राशि पर ₹50 + GST शुल्क लगता है।

डिमांड ड्राफ्ट नगद द्वारा जारी करने पर

ICICI बैंक

  • आईसीआईसीआई बैंक – 10,000 रूपये तक की राशि पर 1000 रूपये में 4 रूपये शुल्क लिया जाएगा, जिसमे न्यूनतम शुल्क ₹100 और अधिकतम ₹15000 है।

एसबीआई बैंक

  • एसबीआई में 5000 रूपये राशि पर ₹25 + GST शुल्क लगता है।
  • 5000 से 10000 रूपये तक की राशि पर ₹50 + GST शुल्क लगता है।
  • 10,000 से लेकर 1,000,00 रूपये तक की राशि पर ₹1000 के हर पार्ट में ₹5 जिसमे न्यूनतम ₹55 न्यूनतम और अधिकतम ₹15,000 शुल्क लगता है।

डिमांड ड्राफ्ट कैसे रद्द करें?

अगर आप डिमांड ड्राफ्ट के लिए आवेदन कर नगद या चेक के माध्यम से राशि का भुगतान करते हैं, तो राशि बैंक द्वारा जल्द ही स्वीकार कर ली जाती है, जिसके बाद आपके खाते से पैसे बैंक द्वारा काट लिए जाइते हैं, लेकिन यदि आप अपना रद्द करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बैंक जाकर इसे रद्द करना पड़ सकता है, क्योंकि इसके लिए कोई ऑनलाइन प्रावधान नहीं है।

ऐसे में यदि आपने बैंक में नगद के माध्यम से भुगतान किया है तो आपको रिफंड के लिए रसीद के साथ मूल ड्राफ्ट बैंक में जमा करना होगा, इसके लिए बैंक आपसे 100 से 150 तक की राशि की कटौती करेगा। वहीं यदि आपने चेक के माध्यम से राशि का भुगतान किया है और बैंक अकाउंट से राशि काटी गई है तो आपको मूल रूप से भरे हुए कैंसिलेशन फॉर्म के साथ मूल ड्राफ्ट जमा करना होगा, इसके लिए बैंक राशि आपके अकाउंट में 150 रूपये की कटौती के साथ वापस जमा कर दी जाएगी।

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डिमांड ड्राफ्ट की समय सीमा होने पर क्या करना चाहिए?

डिमांड ड्राफ्ट जारी होने के बाद यह केवल तीन महीने के लिए स्वीकार्य किया जाता है, इस बीच यदि आप इस समय सीमा में बैंक को ड्राफ्ट नहीं देते हैं तो यह समाप्त या एक्सपायर हो जाएगा, डिमांड ड्राफ्ट की समय सीमा समाप्त होने के बाद भुगतानकर्ता के अकाउंट में पैसा वापस नहीं किया जाएगा, इसके लिए भुगतानकर्ता को ड्राफ्ट को फिर से सत्यापन करने के लिए बैंक जाकर संपर्क करना पड़ता है। जिसके बाद बैंक ड्राफ्ट को रि-वैलिड करने से पहले मूल जानकारी की पुष्टि करता है और इसके उपयोग को तीन महीने के लिए बढ़ा देता है, जबकि एक असामान्य ड्राफ्ट को असामान्य नहीं किया जा सकता है।

डिमांड ड्राफ्ट और चेक में क्या अंतर है?

आपको बता दें डिमांड ड्राफ्ट और चेक के बीच में कई अंतर होता है जिसकी जानकारी अधिक लोगों को पता नहीं होती ऐसे में डिमांड ड्राफ्ट और चेक के बीच का अंतर निम्न प्रकार है।

  • डिमांड ड्राफ्ट एक नेगोशिएबल टूल है, जो बैंक द्वारा एक निश्चित व्यक्ति या संसथान के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर पैसों के ट्रांसफर के लिए जारी किया जाता है। वहीं चेक एक लिखित दस्तावेज है, जिसमे खातधरक बैंक को किसी अन्य व्यक्ति या संस्थान को एक निश्चित राशि के भुगतान करने का आदेश जारी करता है।
  • डिमांड ड्राफ्ट बैंक द्वारा अपनी शाखा या दूसरे बैंक की शाखा पर जारी किया जाता है वहीं चेक खाताधारक द्वारा बैंक पर जारी किया जाता है।
  • डीडी के दो प्रकार हैं साइट डीडी और समय डीडी जबकि चेक बेयरर, क्रॉस्ड, अनक्रॉस्ड, आर्डर और स्टेल आदि प्रकार है।
  • डिमांड ड्राट में भुगतानकर्ता और अन्य प्राप्तकर्ता दो पक्ष शामिल होते हैं, वहीं चेक में भुगतानकर्ता, ड्रेवे (जिस बैंक पर चेक बनाया है) और प्राप्तकर्ता तीन पक्ष शामिल है।
  • डिमांड ड्राफ्ट और चेक जारी करने की तारीख से तीन महीने तक इसकी मान्यता रहती है।
  • Demand Draft का भुगतान किसी विशिष्ट व्यक्ति को हमेशा देने योग्य है, चेक भुगतान करने के लिए या आर्डर देने के लिए किया जाता है।
  • डिमांड ड्राफ्ट उसी बैंक की किसी भी शाखा में विड्रॉल किया जाता है, जबकि चेक उसी शहर के किसी भी शाखा से विड्रॉल किया जा सकता है।
  • डिमांड ड्राफ्ट में डिसऑनर/बाउंस की कोई संभावना नहीं होती वहीं चेक में बैंक अकाउंट में प्रयाप्त बैलेंस न होने के कारण चेक डिसऑनर/बाउंस होने की संभावना बनी रहती है।

डमांड ड्राफ्ट फ्रॉड और इससे बचने के तरीके

बैंक से फंड ट्रांसफर करने के करने के लिए डिमांड ड्राफ्ट सबसे सुरक्षित माधयमों में से एक हैं, लेकिन इसमें भी धोखाधड़ी होने की कुछ संभावना हो सकती है। अगर कोई भुगतानकर्ता के नाम पर नकली डिमांड ड्राफ्ट जारी करता है तो वह धोखाधड़ी होती है, ऐसी स्थिति में डिमांड ड्राफ्ट करने वाले व्यक्ति को ट्रैक कर पाना आसान नहीं होता और जिसके चलते कई बार भुगतानकर्ता को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भुगतानकर्ता के नाम पर एक फर्जी डीडी जारी करने पर बैंक उनपर एफआईआर भी दर्ज कर सकता है।

डीडी धोखाधड़ी से बचने के लिए आपको कुछ महत्त्वपूर्ण नियमों का पालन करना जरुरी है. जो इस प्रकार है।

  • डिमांड ड्राफ्ट जारी करने पर आपको उसकी कलर फोटोकॉपी बनकर इसे सुरक्षित रखनी चाहिए, जिससे आपको ड्राफ्ट को फोर्ज करने में इस्तेमाल होने वाले तरीकों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जहाँ ड्राफ्ट उनके साथ एक आवश्यक राशि रखता है।
  • आप हमेशा भुगतानकर्ता की उचित संपर्क जानकारी निकालने और इसे सत्यापित करना न भूलें, इससे धोखाधड़ी करने वाले को ट्रैक करने में सहायता मिलती है, इसके लिए अपनी बातचीत की उचित जानकारी रखें, जिससे आपपर कोई संदेह न बना रहे।

Demand Draft जारी करने के कितने समय तक मान्य रहता है?

डिमांड ड्राफ्ट जारी होने के तीन महीने तक मान्य रहता है।

डिमांड ड्राफ्ट कितनी अधिडिमांड ड्राफ्ट कितनी अधिकतम राशि का जारी किया जा सकता है?

आरबीआई द्वारा जारी निर्देश अनुसार 50000 रूपये से अधिक डिमांड ड्राफ्ट जारी नहीं कर सकते, इसके लिए केवल 49000 रूपये तक का डिमांड ड्राफ्ट जारी किया जा सकता है।

डीडी कितने प्रकार के होते है?

डीडी दो प्रकार के होते है साइट डिमांड ड्राफ्ट और टाइम डिमांड ड्राफ्ट

क्या डिमांड ड्राफ्ट भी चेक की तरह डिसऑनर/बाउंस हो सकता है?

जी नहीं, डिमांड ड्राफ्ट जारी करने से पहले व्यक्ति को बैंक के पास पैसे जमा करने होते हैं, जिसके बाद ही बैंक डिमांड ड्राफ्ट जारी करता है, जबकि चेक के मामले में कई बार बैंक में पैसे नहीं होने के कारण चेक के बाउंस भी हो जाता है, जिसके कारण डिमांड ड्राफ्ट डिसऑनर/बाउंस नहीं होता जबकि चेक के मामले में यह डिसऑनर/बाउंस हो सकता है।

डिमांड ड्राफ्ट क्या होता है? इससे संबंधित सभी जानकारी हमने आपको अपने लेख के माध्यम से प्रदान कर दी है और हमे उम्मीद है की यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी, इसके लिए यदि आपको हमारा लेख पसंद आए या इससे संबंधित कोई प्रश्न पूछना हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न पूछ सकते हैं, हम आपके प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे, इसके साथ ही इसी तरह की और भी संबंधित जानकारीके लिए आप हमारी साइट से जुड़े रह सकते हैं।

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1 thought on “डिमांड ड्राफ्ट क्या होता है? जानें इसके प्रकार, कैसे बनवाएं और रद्द करें”

  1. डी.डी. का नाम क्या है? देनी है उसके ही खाते से बनवाना जरूरी है

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