Check Cibil Score: जब आप किसी बैंक अथवा NBFC के माध्यम से लोन लेने के लिए जाते हैं तो आवेदक की जो जानकारियां चेक की जाती हैं उनमें सबसे महत्वपूर्ण आपका सिबिल स्कोर भी होता है। सिबिल स्कोर आपकी सिबिल रिपोर्ट का एक प्रमुख हिस्सा होता है। सिबिल रिपोर्ट में आपके ऋण से सम्बंधित सभी लेनदेन का विवरण मौजूद रहता है। कम ब्याज दर पर ज्यादा राशि का लोन आसानी से पाने में सिबिल स्कोर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसीलिए प्रायः लोग अगर कहीं से लोन लेने का प्लान कर रहे होते हैं तो सबसे पहले अपना सिबिल स्कोर जरूर चेक करते हैं।
अगर उनका सिबिल स्कोर ख़राब होता है तो वो समय समय पर बार-बार अपना सिबिल स्कोर चेक करते रहते हैं। क्या आप भी बार बार चेक कर रहे अपना सिबिल स्कोर? जानें कितनी बड़ी गलती कर रहे हैं आप?
सिबिल स्कोर क्या है?
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा CIBIL (Credit Information Bureau Of India Limited), Equifax, Experian, CRIF Highmark क्रेडिट ब्यूरो को ही क्रेडिट स्कोर रिपोर्ट बनाने का लाइसेंस दिया गया है। भारत में 2004 में पहली बार क्रेडिट ब्यूरो सेवाओं को शुरू किया गया था। सिबिल रिपोर्ट तैयार करने वाली एजेंसियां आपके सिबिल स्कोर को तीन अंकों की संख्या के माध्यम से दर्शाते हैं जो 300 से 900 के बीच होती हैं। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आपके पूरे क्रेडिट प्रोफाइल का आकलन करने के बाद आपका सिबिल स्कोर तैयार करती है। इसे क्रेडिट स्कोर भी कहा जाता है।
कोई भी लेंडर सिबिल स्कोर से आपके Credit Worthiness के बारे में जानकारी प्राप्त करता है। आपका सिबिल स्कोर 900 के जितने पास होगा उतना ही अच्छा होगा। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी Equifax के वेबसाइट पर उपलब्ध आकड़ों के अनुसार आप ख़राब सिबिल रेटिंग के बारे में आसानी से समझ सकते हैं।
सिबिल स्कोर | रेटिंग |
300 से 579 तक | Poor |
580 से 669 तक | Fair |
670 से 739 तक | अच्छा |
740 से 799 तक | बहुत अच्छा |
800+ | Excellent |
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सिबिल रिपोर्ट में सिबिल स्कोर के अलावा कौन सी सूचनाएं होती हैं?
- पर्सनल जानकारी– सिविल रिपोर्ट के इस सेक्शन में आपका नाम, जन्म तिथि, लिंग, वोटर कार्ड नंबर, पासपोर्ट, पैन कार्ड जैसी जानकारी दर्ज होती हैं।
- संपर्क विवरण- इस सेक्शन में आपका पता और मोबाइल नंबर दर्ज रहता है।
- रोजगार सम्बन्धी रिकॉर्ड- इसमें आपके नौकरी, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के माध्यम प्राप्त होने वाली सैलरी तथा वार्षिक आय का विवरण दर्ज रहता है।
- Account Information– यह सिबिल रिपोर्ट का सबसे प्रमुख हिस्सा है क्योकि इसमें आपके द्वारा बैंकों, NBFC अथवा किसी किसी भी अन्य वित्तीय संस्थान द्वारा लिए गए सभी ऋण का ब्यौरा उपलब्ध रहता है। इसमें लोन का प्रकार, लोन की राशि, ऋणदाता का नाम, खाता संख्या, EMI जमा करने का रिकॉर्ड, लोन डिफ़ॉल्ट इत्यादि जानकारी दर्ज रहती है।
- Inquiry का रिकॉर्ड- अगर आप किसी बैंक, NBFC अथवा अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से ऋण के लिए आवेदन करते हैं तो ऋणदाता आपकी सिबिल रिपोर्ट को जरूर चेक करता है। लेंडर द्वारा आपके सिबिल रिपोर्ट की जांच का क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एक रिकॉर्ड तैयार करती हैं। इसी रिकॉर्ड को Enquiry कहा जाता है।
सिबिल स्कोर जांच (Check Cibil Score) के प्रकार
सिबिल स्कोर चेक करने से इस पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में समझने से पहले आपको यह जान लेना जरुरी है कि सिबिल स्कोर चेक करने की कौन-कौन से प्रकार हैं। क्योकि सभी श्रेणी का सिबिल चेक आपके CIBIL Score को नहीं प्रभावित करता है। सिबिल की जांच को Enquiry कहा जाता है जो निम्नलिखित दो प्रकार का होता है।
Hard Inquiry
जब कोई लेंडर जैसे की बैंक या NBFCs आपका क्रेडिट स्कोर चेक करे तो इसे हार्ड इन्क्वायरी कहते हैं। अगर एक साथ कई लेंडर्स आपका क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं तो इससे आपके सिबिल स्कोर पर असर पड़ सकता है और आप आगे जहां भी लोन के लिए अप्लाई करेंगे, वो इसे निगेटिव तरीके से जरूर देखेगा और इससे आपको लोन मिलने में समस्या आ सकती है। दरअसल, हर बार हार्ड-इन्क्वायरी होने से आपके क्रेडिट स्कोर का कुछ पॉइंट कम हो जाता है.
आपके क्रेडिट रिपोर्ट में इसकी डीटेल दी जाती है कि आपके लिए कब–कब हार्ड-इन्क्वायरी की गई है. इसी पॉइंट से एक सलाह यह भी निकलती है कि आप कम समय में कई बार लोन के लिए अप्लाई ना करें, क्योंकि आपको लोन देने से पहले लेंडर्स क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट मांगेंगे, इससे आपका स्कोर काफी गिर सकता है.
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Soft Inquiry
जब आप खुद से अपना क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं, तो इसे सॉफ्ट इन्क्वायरी कहते हैं, इससे आपके क्रेडिट रिपोर्ट पर असर नहीं होता है. आप अगर किसी भी तरह के लोन या फिर क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो आपको खासकर एक बार अपना क्रेडिट स्कोर जरूर चेक करना चाहिए.
Conclusion
इस आर्टिकल में दी गई जानकारी से स्पष्ट हो जाता है कि अगर आप बार बार चेक कर रहे अपना सिबिल स्कोर तो यह कोई गलती नहीं कर रहे हैं। लेकिन अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं हैं और आप कई ऋणदाता (Lender) से इसे चेक कराते हैं तो आपका सिबिल स्कोर ख़राब हो जाता है। अतः आपको अपने सिबिल स्कोर को लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए और निर्धारित समय पर अपने लोन की किस्तों का भुगतान करके एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाये रखना चाहिए।