सैलरी क्या है: स्ट्रक्चर, CTC, ग्रॉस सैलरी, बैसिक सैलरी, नेट सैलरी, HRA, TDS

सैलरी क्या है: किसी भी निजी या सरकारी कंपनी में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में CTC, ग्रॉस सैलरी, बैसिक सैलरी जैसे कई प्रमुख कंपोनेंट शामिल होते हैं। जिसके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी नहीं होती, लेकिन आपको सैलरी से जुडी जानकारी होनी इसलिए आवश्यक है जिससे आपकी कितनी और कहा बचत हो रही है और किस चीज में आप सालाना टैक्स छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं, इसकी जानकारी आपको मिलती रहेगी। कसी भी कर्मचारी की सैलरी में बेसिक सैलरी, सीटीसी, ग्रॉस सैलरी इनका एहम हिस्सा होता है, इस लेख के माध्यम से हम आपको सैलरी क्या है? सैलरी स्ट्रक्चर, सीटीसी, टीडीएस आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे, जिसके लिए आप लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।

सैलरी क्या है Structure, CTC, Gross Salary, Basic Salary, Net Salary

सैलरी क्या है?

सैलरी किसी भी नियोक्ता/कंपनी द्वारा अपने कर्मचारी को दिया जाने वाला आवधिक भुगतान का एक स्वरूप है, जो कर्मचारी को किए गए काम के बदले दिया जाता है, सैलरी की राशि में सैलरी के सभी तत्व शामिल होते हैं।

CTC क्या है?

CTC जिसका पूरा नाम Cost to Company है किसी कंपनी द्वारा एम्प्लोयी को दी गई राशि या खर्चे के लिए दी गई राशि है। यह कर्मचारी का सालाना कुल पैकेज होता है, जो एक कर्मचारी को कंपनी में कायम रखने के लिए कंपनी खर्च करती है, इस अन्य शब्दों में वैरिएबल सैलरी भी कहते हैं। हालाँकि यह विभिन्न फैक्टर्स के माध्यम से बदलती रहती है, जिसके चलते एक कर्मचारी को कई बार अलग-अलग सैलरी प्राप्त होती है, जिसे इस फॉर्मूल से समझ सकते हैं।

CTC = कुल वेतन + इन्सेन्टिस + अन्य खर्चें

सीटीसी का उद्धरण – मान लीजिए एक कर्मचारी की आय 45000 रूपये है और नियोक्ता की और से हेल्थ इंश्योरेंस पर 5000 रूपये का भुगतान होता है तो सीटीसी कुल 50,000 रूपये हो जाएगा।

ग्रॉस सैलरी क्या है?

ग्रॉस सैलरी वह सैलरी है जो कर्मचारी के रिटायरमेंट फण्ड कटौती और ग्रेच्युटी को निकालने के बाद जो रकम बचती है, ग्रॉस सैलरी के अंतर्गत बेसिक सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस, स्पेशल अलाउंस, मेडिकल अलाउंस, LTA, एजुकेशन अलाउंस आदि इसके अलावा कर्मचारी को मिलने वाले अन्य प्रकार के भत्ते जैसे सैलरी, ओवरटाइम, इंसेंटिव आदि सभी ग्रॉस सलारी का ही हिस्सा होते हैं। आपको बता दें कंपनी जिन कर्मचारियों को कार्य का पेमेंट करती है उन्हें आमतौर पर उनके सीटीसी की तरह ग्रॉस सैलरी का हिस्सा देती है।

बेसिक सैलरी

बेसिक सैलरी वह सैलरी होती है जिसपर कर्मचारी और कंपनी दोनों की ही रजामंदी होती है, इसमें ना ही एचआरए, बोनस और ना ही किसी प्रकार की टैक्स कटौती शामिल होती है। यह आपके सैलरी स्ट्रक्चर का बेस होता है जिसके आधार पर सैलरी स्ट्रक्चर के सभी कंपोनेंट्स की कैलकुलेशन की जाती है। बेसिक सैलरी कुल सीटीसी का 40-45% होती है।

नेट सैलरी

ग्रॉस सैलरी से टैक्स, पीएफ आदि अन्य तरह की कटौती होने के बाद जो राशि आपको सैलरी के रूप में मिलती है उसे नेट सैलरी कहते हैं। नेट सैलरी को टेक होम सैलरी या इन-हैंड सैलरी के नाम से भी जाना जाता है। नेट सैलरी महीने के अंत में आपके अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है, नेट सैलरी ग्रॉस सैलरी से कम होती है यह ग्रॉस सैलरी के बराबर तब हो सकती है जब आपकी सैलरी सरकार द्वारा निर्धारित टैक्स स्लैब की सीमा से कम हो और आपका इनकम टैक्स जीरो हो।

अलाउंस

कर्मचारियों को बेसिक सैलरी के अलावा दिए जाने वाले लाभ को अलाउंस कहते हैं। जिनके कुछ या पूरे हिस्से पर टैक्स लागू हो भी सकता है और नहीं भी, कर्मचारियों के लिए हाउस रेंट अलाउंस, मेडिकल अलाउंस, ट्रेवल अलाउंस आदि शामिल होते हैं।

परक्विजिट

परक्विजिट ऐसा लाभ है जो आपको आपकी सैलरी के अलावा दिया जाता है, इन पर नियोक्ता के अकाउंट से अलग से टैक्स लगया जाता है। यह लाभ कंपनी में कर्मचारियों के आधिकारिक पद के आधार पर प्रदान किए जाते हैं। परक्विजित टैक्सेबल होते हैं तो कई बार इनपर टैक्स छूट भी दी जाती है, परक्विजिट के रूप में कंपनी द्वारा कार, ईधन, ब्याज के बिना लोन, क्रेडिट कार्ड, मेडिकल फैसिलिटी आदि के लाभ दिए जा सकते हैं।

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प्रोविडेंट फण्ड

प्रोविडेंट फण्ड या भविष्य निधि एक सरकारी बचत योजना है, जिसके माध्यम से अधिकतर नौकरी पेशा लोग रिटायरमेंट के बाद अपनी जिंदगी प्लान करते हैं। इस स्कीम के अंतर्गतआपकी कंपनी/नियोक्ता को आपकी सैलरी का 12% ईपीएफ अकाउंट में जमा करना होता है, यह प्रतिशत उन कंपनियों पर लागू होता है, जिनमें कुल कर्मचारियों की संख्या 20 से अधिक होती है।

बोनस

किसी भी कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए बोनस एक प्रकार का मुआवजा होता है, जो उसे उसकी निर्धारित सैलरी के अलावा दिया जाता है। यह लाभ अधिकतर कंपनी द्वारा कर्मचारियों को तब दिया जाता है उन्होंने अच्छा काम किया हो।

ग्रेच्युटी

ग्रेच्युटी वह रकम है जो कंपनी की और से कर्मचारी को रिवॉर्ड के रूप में दी जाती है, यह आपकी सैलरी का वह हिस्सा है जो कंपनी या आपका नियोक्ता आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है। यह एक ऐसी लाभकारी योजना है जो रिटायरमेंट लाभों का हिस्सा है और नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा दिया जाता है। आमतौर पर ग्रेच्युटी 5 साल बाद प्राप्त की जा सकती है, जिसे प्रत्येक वर्ष कंपनी आपके सीटीसी से काटती है।

एरियर

जब किसी कर्मचारी की सैलरी में बढ़ोतरी होती है, लेकिन राशि का भुगतान बाद की तारीखों में किया जाता है उसे ही एरियर या बकाया कहा जाता है। किसी भी कर्मचारी को एरियर तब दिया जाता है जब किसी महीने में उनकी सैलरी में बढ़ोतरी होती है, लेकिन बढ़ी हुई सैलरी उसे बाद के महीनों में प्राप्त होती है।

HRA क्या है?

HRA का पूरा नाम House Rent Allowance होता है, जिसे हिंदी में मकान किराया भत्ता कहते हैं। जो नियोक्ता या कंपनी अपने कर्मचारी को वेतन घटक के रूप में दिया जाता है, यह किराए पर रहे रहे कर्मचारियों को किराए में लगने वाले खर्च के भुगतान के रूप में दिया जाने वाला भत्ता है, जिससे वह अपना किराया आसानी से दे सकें।

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टीडीएस

TDS इनकम टैक्स का एक हिस्सा है, जिसका पूरा नाम टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स है। दरअसल किसी भी व्यक्ति की आय का स्रोत क्या है उस पर जो टैक्स कलेक्ट किया जाता है उसे टीडीएस कहते हैं। टीडीएस अलग-अलग आय स्रोतों पर काटा जाता है जैसे वेतन, किसी वेतन पर मिले ब्याज या कमीशन आदि। टीडीएस हर आय और हर किसी लेनदेन पर लागू नहीं होता है। यदि आप भारतीय है और आपने म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट किया है तो इसपर आपको जो आय प्राप्त होगी उसपर आपको कोई टीडीएस नहीं चुकाना होगा, लेकिन यदि आप एनआरआई हैं तो इस फंड से हुई आय पर आपको टीडीएस देना होगा।

अपनी नेट सैलरी ऐसे करें कैलकुलेट

अपनी नेट सैलरी या टेक होम सैलरी को कैलकुलेट करेने के लिए आप नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं।

स्टेप 1- ग्रॉस सैलरी कैलकुलेट करें

ग्रॉस सैलरी = बेसिक सैलरी + एचआर + अन्य अलाउंस
वैकल्पिक रूप से
ग्रॉस सैलरी = सीटीसी – (ईपीएफ + ग्रेच्युटी)

स्टेप 2 – टैक्सेबल इनकम कैलकुलेट करें

टैक्सेबल इनकम = आय (ग्रॉस सैलरी + अन्य आय) – कटौती

यहाँ आपको अपनी आय के उस हिस्से की कैलकुलेशन के लिए जिस पर टैक्स लगेगा, आपको अपनी ग्रॉस सैलरी से अलाउंस और अन्य डिडक्शन को घटाना होगा, हाउस प्रॉपर्टी पूंजीगत लाभ, बिजनेस से इनकम जैसे स्रोतों से ही आय की गणना करें। आमतौर पर किए जाने वाले डिडक्शन की जानकारी कुछ इस प्रकार है।

  • डिपॉजिट से ब्याज – आईटी सेक्शन की धारा 80 TTA के तहत ब्याज पर 10 हजार रूपये और हिंदू अविभाजित परिवार के लिए उपलब्ध, बैंक में सेविंग्स अकाउंट से ब्याज अर्जित करने पर डिडक्शन की अनुमति।
  • कुल आय से बेसिक डिडक्शन – आईटी सेक्शन की धारा 80 C के तहत कुल 1.5 लाख रूपये तक की सीमा पर।
  • मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम – IT सेक्शन की धारा 80 D के तहत खुद के लिए और परिवार के लिए 25000 रूपये, वहीं अपने और फैमिली और पेरेंट्स के लिए 55000, अपने लिए फैमिली और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 80000 रूपये।
  • एजुकेशन लोन – IT सेक्शन की धारा 80 E के तहत कोई सीमा नहीं
  • होम लोन ब्याज – IT सेक्शन की धारा 80 EE के तहत अधिकतम 50,000 रूपये प्रति वर्ष
  • चैरिटी के लिए डोनेशन – IT सेक्शन की धारा 80 G के तहत टैक्सेबल इनकम से डोनेशन का 50% डिडक्ट किया जा सकता है।

स्टेप 3: इनकम टैक्स कैलकुलेट करें

इनकम टैक्स कैलकुलेट की बात करें तो जब आप टैक्सेबल इनकम को कैलकुलेट कर लेते हैं, तो आप वर्तमान तिथि के अनुसार आसानी से इनकम टैक्स कैलकुलेट कर सकते हैं, व्यक्तिगत टैकपेयर को ध्यान में रखते हुए सालाना बजट के दौरान इनकम टैक्स स्लैब दरों में बदलाव किए जाते हैं। 60 साल से कम आयु वाले व्यक्तियों के लिए टैक्स स्लैब की जानकारी नीचे प्रदान की गई है।

इनकम टैक्स स्लैब टैक्स की दर
2.5 लाख रूपये तकशून्य
2.5 लाख से 5 लाख रूपये 5% (धारा 87 ए के मुताबिक़ 12,500 रूपये टैक्स छूट)
5 लाख से 7.5 लाख रूपये 10%
7.5 लाख से 10 लाख रूपये 15%
10 लाख से 12.5 लाख रूपये20%
12.5 लाख से 15 लाख रूपये 25%
15 लाख रूपये और अधिक 30%

स्टेप 4 – नेट सैलरी को कैलकुलेट करें

टेक-होम सैलरी = बेसिक सैलरी + एक्चुअल एचआरए + स्पेशल अलाउंस – इनकम टैक्स – नियोक्ता/कंपनी का पीएफ योगदान (ईपीएफ)

चलिए जानते हैं एक उद्धरण से- यदि आपका सीटीसी 6 लाख रूपये है, जिसमे नियोक्ता/कंपनी आपको वित्त वर्ष के लिए 50,000 रूपये बोनस देती है, आपकी कुल ग्रॉस सैलरी 5 लाख 50 हजार रूपये (6 लाख – 50,000 रूपये) होगी।

और यदि आप प्रति वर्ष 2400 रूपये का प्रोफेशनल टैक्स काटते हैं। (यह हर राज्य में अलग-अलग हो सकता है)

अब आपका ईपीएफ योगदान डेडक्ट करें जो की बेसिक सैलरी 15000 रूपये प्रति माह का 12% है यानी 1800 रूपये प्रति माह या 21600 रूपये प्रति वर्ष, अब कर्मचारी द्वारा ईपीएफ के लिए किए गए वार्षिक योगदान के रूप में 21600 रूपये और नियोक्ता/कंपनी द्वारा भी 21600 रूपये का समान योगदान को डिडक्ट करना होगा।

आपको बता दें कर्मचारी बीमा के रूप में 3000 रूपये की कटौती भी होती है।

इस तरह आपकी कुल कटौती होगी = 24000 रूपये + 21600 रूपये + 21600 रूपये + 3000 रूपये = 48600 रूपये

इस तरह आपकी टेक-होम सैलरी होगी

टेक होम सैलरी = ग्रॉस पे – कुल कटौती = 550000 रूपये – 48,600 रूपये = 5,01,400 रूपये

इंसेंटिव क्या है?

इंसेंटिव कंपनी के अंदर कर्मचारी को दिया जाने वाला बोनस है जो कर्मचारी को उसके अच्छे प्रदर्शन या एक्स्ट्रा वर्क करने पर प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है।

ग्रॉस सैलरी और नेट सैलरी में क्या अंतर है?

नेट सैलरी वह सैलरी है जो ग्रॉस सैलरी में सभी तरह की कटौती बाहर करने के बाद जो पैसे आपके अकाउंट में पहुंचता है वहीं ग्रॉस सैलरी वह सैलरी है जो कर्मचारी के रिटायरमेंट फण्ड कटौती और ग्रेच्युटी को निकालने के बाद जो रकम बचती है।

एलटीए सीटीसी ब्रेक अप को किस तरह कैलकुलेट किया जा सकता है?

लीव ट्रेवल (LT) का भुगतान कर्मचारियों द्वारा देश में किए गए ट्रेवल के दौरान होने वाले खर्चे के भुगतान हेतु किया जाता है, एलटी बेसिक सैलरी का 8.33% होता है।

इनकम टैक्स और प्रोफेशनल टैक्स में क्या फर्क है?

इनकम टैक्स एक ऐसा टैक्स है जिसे सरकार लोगों की सालाना आमदनी पर वसूलती है, किसी भी कर्मचारी को उसकी सैलरी टैक्स कटौती के बाद ही मिलता है, जिसे टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स कहते हैं वहीं प्रोफेशनल टैक्स राज्य सरकार द्वारा उन नागरिकों से लिया जाता है, जो किसी भी प्रोफेशन में प्रैक्टिस कर रहे हैं, यह प्रत्येक राज्य में अलग-अलग होता है, जिसमे हर साल अधिकतम 2500 रूपये काटने का नियम है।

CTC कैलकुलेशन किस तरह से की जा सकती है?

CTC कैलकुलेशन के लिए इसका फार्मूला है CTC= कुल वेतन + इन्सेन्टिस + अन्य खर्चें, जिसके जरिए सीटीसी कैलकुलेट किया जाता है।

सैलरी क्या है इससे संबंधित सभी जानकारी हमने आपको अपने लेख के माध्यम से प्रदान कर दी है और हमे उम्मीद है की यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी, इसके लिए यदि आपको हमारा लेख पसंद आए या इससे संबंधित कोई प्रश्न पूछना हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न पूछ सकते हैं, हम आपके प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे, इसके साथ ही इसी तरह की और भी अधिक जानकारी के लिए आप हमारी साइट से जुड़े रह सकते हैं।

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